मैहर – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवरात्रि के पहले दिन मंगलवार को मैहर पहुच माता शारदा के दर्शन कर पूजा अर्चना की। इसके बाद यहां घंटाघर चौक में आयोजित चुनावी जनसभा में शामिल हों लोकसभा प्रत्याशी गणेश सिंह के पक्ष में जनसभा को संबोधित किया इस दौरान पूर्व महापौर व पूर्व कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी राजाराम त्रिपाठी को भाजपा की सदस्यता दे पार्टी में शामिल किया,आयोजित जनसभा में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री हेलिकॉप्टर से बालाघाट के लिए रवाना हुए।
*सेवानिवृत्त SDOP व वर्तमान भाजपा अनुसूचित जनजाति जिलाध्यक्ष से बदसलूकी*
मैहर में मुख्यमंत्री मोहन यादव की आयोजित जनसभा में सेवानिवृत्त SDOP व वर्तमान भाजपा अनुसूचित जनजाति जिलाध्यक्ष फूलसिंह टेकाम को कुछ पुलिस कर्मियों ने मंच पर जाने से रोक उनके साथ बदसलूकी करते नजर आये शोसल मीडिया में वायरल वीडियो में पुलिस कर्मी उनके बाल पकड़ कर हाथा पाई पर उतारू दिखे बाद में मौजूद लोगों द्वारा बीच बचाव करने पर आदिवासी नेता फूल सिंह टेकाम बेआबरू हो वहां से चले गये। वायरल वीडियो में उक्त घटना क्रम के समय पुलिस के आलाधिकारी भी मौके पर मौजूद नजर आ रहे हैं।
*पूर्व महापौर व कांग्रेस के पूर्व लोक सभा प्रत्याशी रहे राजाराम त्रिपाठी ने सैकड़ों समर्थकों के साथ सीएम मोहन यादव के हाथों भाजपा की सदस्यता ली।*
लोकसभा के चुनावी दौर में सतना में कांग्रेस को फिर बड़ा झटका लगा है। वर्षों तक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे पूर्व महापौर राजा राम त्रिपाठी ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होंने मंगलवार को मैहर में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से भाजपा की सदस्यता ली। सतना नगर निगम के पूर्व महापौर राजा राम त्रिपाठी मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन माता शारदा के दर्शन कर चुनावी जनसभा को संबोधित करने मैहर आए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई। पूर्व महापौर त्रिपाठी वर्षों तक सतना जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के जिलाध्यक्ष रहे हैं और कांग्रेस के टिकट पर वे नागौद और सतना विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। वर्ष 2013 में उन्हें भाजपा के शंकर लाल तिवारी ने सतना विधानसभा के चुनावी मुकाबले में हराया था। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर उन्हें भाजपा के गणेश सिंह के मुकाबले हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा के गणेश सिंह ने उन्हें 2 लाख 31 हजार मतों से पराजित किया था।